Reporting – मेघा तिवारी
कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में बुर्का पहन कर आने की अनुमति के लिए मुस्लिम छात्र हिंसा पर उतारू हैं। वहीं सोशल मीडिया पर भी मीडिया का गिरोह विशेष और विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाए हुए हैं।
कर्नाटक मे हुए बुर्खा पहनकर शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश अनुमति लेकर हुए विवाद अब रुकने का नाम भी नहीं ले रहे हैं दरअसल सोशल मीडिया पर लोगों नहीं बुर्का पहनने को लेकर जुबानी जंग छेड़ दी है बात तब बढ़ गई जब ‘ABP News’ की पत्रकार रुबिका लियाकत ने कहा कि स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब या बिकनी नहीं चलेगा, तो वामपंथी और इस्लामी कट्टरपंथी उन पर पिल पड़े। जबकि रुबिका लियाकत भी मुस्लिम ही हैं। अयान खान नाम के यूजर ने उनसे पूछ डाला, “क्या तुमने कभी हिजाब पहना है?”
वहीं इस मामले में राजनेताओं ने भी अपने वोटों की दांवपेच खेलने शुरू कर दिए हैं। कॉन्ग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी ने ट्वीट किया था कि लड़की बिकनी पहने या हिजाब, ये तय करने का अधिकार उन्हें संविधान देता है। हालाँकि, इस दौरान वो ये भूल गईं कि स्कूल-कॉलेजों में अनुशासन पर महत्व दिया जाता है और वहाँ तय ड्रेस कोड का अनुसरण करना होता है। रुबिका लियाकत ने प्रियंका गाँधी को जवाब दिया, “प्रियंका गाँधी जी, आप तो लड़कियों को लड़ना सिखा रही थीं। आपसे ये उम्मीद नहीं थी। स्कूल में न बिकनी चलेगी, न घूँघट, न ही हिजाब चलेगा।”
Dear Rohan ji
ट्वीट करने से पहले मुद्दा समझना ज़रूरी होता है। ज़रा स्कूल के नोटिफिकेशन में ‘स्कूल के बाहर’ भी हिजाब नहीं पहनना है कहाँ लिखा है बताइए.. और अगर आपको अपनी ग़लती महसूस हो रही है तो माफ़ी वाफ़ी छोड़िए बस सुधार कर लीजिए https://t.co/bpdV9sekra
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) February 9, 2022
प्रियंका गांधी के ट्वीट के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया डिपार्टमेंट के अध्यक्ष रोहन गुप्ता ने उनसे पूछा कि प्रियंका गाँधी की ट्वीट में हिजाब शब्द कहाँ लिखा है? इस पर रुबिका लियाकत ने पलटवार करते हुए उनसे पूछा कि स्कूल की नोटिस में ये कहाँ लिखा है कि बाहर आप बुर्का/हिजाब नहीं पहन सकते? अबसर आलम नाम के यूजर ने लिखा, “तुमसे ज्ञान नहीं चाहिए रुबिका।” इस्लामी कट्टरपंथियों ने उन्हें ‘दलाल’ कह कर भी सम्बोधित किया। सद्दाम शेख ने लिखा, “अल्लाह के पास सत्ता की दलाली नहीं, हमारे नेक आमाल जाएँगे। आप ईमानदारी का टॉनिक खाइए।”
From which law of book of quran is this reference from the date alam giri from auragazeb used to refer or hstish on which line it is mention
— K pradeep Kumar (@Kpradee63192544) February 9, 2022
नसीम अहमद सिद्दीकी नाम के सोशल मीडिया यूजर ने आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए लिखा, “बिकनी पहन कर तू नरेंद्र मोदी का बिस्तर गर्म करती रहो। तुझे क्या पता कि इस्लाम और शरीयत क्या है। पत्रकारिता छोड़ और किसी वेश्या के कोठे पर बैठ जा।”
इन सबके अलावा भी कई अन्य लोगों ने रुबिका लियाकत पर निशाना साधा। सोशल मीडिया पर ‘घूँघट’ का विरोध करने वाले कई एक्टिविस्ट्स अब इस्लाम में महिलाओं को जबरन पहनाए जाने वाले बुर्का का समर्थन कर रहे हैं। उच्च-न्यायालय में इसके समर्थन में कुरान और हदीस से दलीलें दी जा रही हैं। जबकि सच्चाई ये है कि कट्टर सोच वाले मौलानाओं ने महिलाओं पर कई बंदिशें लगाई हुई हैं और ’72 हूर’ की बातें करते हुए उनका अक्सर अपमान करते रहते हैं।