*दिल्ली में दया ने की पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले से मुलाकात: शॉल श्रीफल से किया सम्मान, दया बोले-छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया, हमारे दुर्ग जिले के लिए गौरव का क्षण*

 

– राजनीतिक कार्यों की वजह से दिल्ली में है दया सिंह

– कल राष्ट्रपति के हाथों डॉ. राधेश्याम बारले हुए सम्मानित

 

*भिलाई।* प्रदेश भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के कार्यसमिति सदस्य व बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति के अध्यक्ष दया सिंह ने आज दिल्ली में पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले से मुलाकात की। इस दौरान डॉ. बारले को दया ने शॉल श्रीफल से सम्मानित किया। वहीं लंबी चर्चा हुई। दया ने बताया कि डॉ. बारले के पास उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, धरमलाल कौशिक समेत छत्तीसगढ़ के नेताओं ने फोनपर बधाई दी। डॉ. बारले ने छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश का मान बढ़ाया है। उनके योगदान की वजह से पद्मश्री मिला है।

दया सिंह ने बताया कि पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले पंथी नृत्य के माध्यम से बाबा गुरु घासीदास जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने अपनी कला साधना से छत्तीसगढ़ प्रदेश ही नहीं, अपितु देश को गौरवान्वित किया है।

 

*ख्यातिप्राप्त पंथी नर्तक हैं डॉ. बारले…*

दुर्ग जिले के पाटन के रहने वाले ख्यातिप्राप्त पंथी नर्तक डॉ. राधेश्याम बारले ने दुर्ग समेत छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। कल उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पद्मश्री सम्मान से विभूषित किया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि डॉ. बारले का जन्म दुर्ग जिले के पाटन तहसील के ग्राम खोला में 9 अक्टूबर 1966 को हुआ। इन्होंने एम.बी.बी.एस. के साथ ही इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से लोक संगीत में डिप्लोमा किया है। डॉ. बारले को उनकी कला साधना के लिए इससे पहले भी कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

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