नई दिल्ली। साल 2022 का आगाज हो चुका है, तो देश में कोरोना के साथ ही कोरोना के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रान’ के बढ़ते मामलों ने दहशत फैलाना शुरु कर दिया है। इस बीच दिल्ली Aiims के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का बयान सामने आया है। उनका यह बयान देश के लिए राहत की बूंद की तरह है। गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से घबराने नहीं बल्कि सावधान रहने की जरूरत है।

गुलेरिया ने कहा कि Omicron तेजी से जरूर फैल रहा है लेकिन वो गंभीर नहीं है। रणदीप गुलेरिया ने कहा कि Omicron में इस बात की बेहद कम संभावना है कि मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़े इसलिए पहले की गलतियां दोहराने की जरूरत नहीं है।

कोरोना का ‘अंतकाल’

Omicron को दुनियाभर के कई वैज्ञानिक Endemic की शुरुआत का पहला चरण मान रहे हैं और इसके पीछे कुछ ठोस वैज्ञानिक कारण भी हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब किसी देश में 60 से 70 फीसदी लोगों में इन्फेक्शन या टीके से एंटीबॉडीज आ जाती हैं तो नया Mutated वायरस अपने आपको कमजोर और शरीर के लिए कम घातक बनाने लगता है। हालांकि ये फैलता तेजी से है ताकि वो ज्यादा से ज्यादा इंसानों के शरीर में अपना घर बना ले।

वैरिएंट में क्या है अंतर?

दोनों वैरिएंट के फैलने की रफ्तार की बात करें तो डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले Omicron के फैलने की रफ्तार 70 गुना ज्यादा है जबकि डेल्टा वैरिएंट के फैलने की रफ्तार फ्लू के मुकाबले 10 गुना ज्यादा है। डेल्टा का असर फेफड़े पर काफी ज्यादा होता है। डेल्टा की तुलना में Omicron का फेफड़े पर असर 10 गुना कम है जबकि डेल्टा वैरिएंट का फेफड़े पर काफी ज्यादा असर होता है। आपको याद होगा कि ब्लैक फंगस जैसी जानलेवा बीमारी हुई थी और हजारों लोगों की मौत सांस सही से नहीं लेने की वजह से हो गई थी।

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