कानूनगो शाखा प्रभारी रिश्वत लेते गिरफ्तार: 50 हजार रुपये और बकरे की मांग पर ACB का…
महासमुंद: ACB Raid in CG, ACB की टीम ने महासमुंद जिले के पिथौरा तहसील में बड़ी कार्रवाई करते हुए कानूनगो शाखा प्रभारी माइकल पीटर को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी ने शिकायतकर्ता राजू चौहान से 50 हजार रुपये और एक बकरे की मांग की थी।
मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता राजू चौहान, जो आरबी चीफ मेन गाँव के कोटवार हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी निलंबन से बहाली के लिए रिश्वत मांगी गई थी। ACB की टीम ने शिकायत की जांच के बाद जाल बिछाकर माइकल पीटर को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ अब पीसी एक्ट 1988 की धारा 7 के तहत आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
गौरतलब है कि शिकायतकर्ता कोटवार राजू चौहान खुद दो बार रिश्वत लेते हुए निलंबित हो चुके हैं। अपनी बहाली के लिए उन्होंने कानूनगो शाखा प्रभारी से संपर्क किया तो उनके द्वारा भी कोटवार राजू चौहान को रिश्वत की मांग की गई। रिश्वत लेने वाले कोटवार को रिश्वत की मांग करना नागवार गुजरा तो एसीबी में शिकायत कर दिया और आज रिश्वतखोर कानूनगो शाखा प्रभारी को 10 सदस्यीय ACB की टीम ने गिरफ्तार कर पीसी एक्ट 1988 के धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
1. ACB क्या है और इसका कार्य क्या है?
ACB (Anti-Corruption Bureau) भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली एक सरकारी एजेंसी है, जो सरकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने जैसे अपराधों की जांच और कार्रवाई करती है।
2. महासमुंद जिले में ACB रेड में किसे गिरफ्तार किया गया?
ACB ने महासमुंद जिले के पिथौरा तहसील में कानूनगो शाखा प्रभारी माइकल पीटर को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
3. शिकायतकर्ता कौन था और उसने शिकायत क्यों दर्ज की?
शिकायतकर्ता राजू चौहान, जो आरबी चीफ मेन गाँव के कोटवार हैं, ने आरोप लगाया कि उनकी निलंबन से बहाली के लिए 50 हजार रुपये और एक बकरे की रिश्वत मांगी गई थी।
4. ACB Raid in CG के दौरान कौन-कौन सी कार्रवाई की जाती है?
ACB शिकायत की जांच, जाल बिछाकर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तारी, और आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act 1988) के तहत कानूनी कार्रवाई करती है।
5. PC एक्ट 1988 की धारा 7 क्या है?
PC एक्ट 1988 की धारा 7 सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत लेने या मांगने को अपराध मानती है और इसके तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है।
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