छत्तीसगढ़ में सरकारी राशन दुकानों पर धरले से चल रहा है कालाबाजारी…
सफेद चावल का काला धंधा : राशन दुकानों के बाहर दलाल सक्रिय, 25 से 28 रुपये में खरीद रहे सरकारी चावल, खाद्य विभाग ने 9.51 क्विंटल चावल किया जब्त
जांजगीर-चांपा। सरकारी राशन दुकानों से मिलने वाले मुफ्त या सस्ते चावल की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रही। शहर की करीब 80 प्रतिशत राशन दुकानों के बाहर सक्रिय दलाल, राशन कार्डधारियों से 25-28 रुपये प्रति किलो के दाम पर चावल खरीदते हैं और इसे महंगे दामों पर राइस मिलर्स को बेच देते हैं। इसी तरह का एक मामला प्रकाश में आया है। जहां खाद्य विभाग की टीम ने छापा मार कार्रवाई की है।
सूचना मिलने पर खाद्य व राजस्व की संयुक्त टीम ने केरा रोड जांजगीर स्थित मारूति किराना स्टोर में छापा मार 24 बोरी कुल 9.51 क्विंटल चावल जप्त किया। टीम ने किराना दुकान संचालक दीपक अग्रवाल एवं रवि अग्रवाल के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत प्रकरण बनाया। इसी तरह शहर के कई किराना दुकानदारों द्वारा पीडीएस चावल की खरीदी की जा रही है। जिस पर खाद्य अफसरों की नजर अबतक नहीं गईं है। छत्तीसगढ़ शासन की ओर से सरकारी चावल की अवैध खरीदी-बिक्री पर दंडात्मक कार्रवाई के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन इसके बावजूद खाद्य विभाग की टीम गंभीरता पूर्ण कार्रवाई नहीं कर रही है।
ऐसे चलता है मुफ्त से 35 रुपये तक का खेल
शहर के सरकारी राशन दुकानों के सामने चावल दलालों का डेरा जमा हुआ है। करीब 80 प्रतिशत दुकानों के सामने दलाल मौजूद होते हैं, जो पीडीएस से उपभोक्ताओं को फ्री मिलने वाला चावल 25-28 रुपये प्रति किलो की दर पर खरीदते हैं और उसे करीब 34-35 रुपये प्रति किलो की दर पर आगे बेच देते हैं।
जांजगीर-नैला में 11800 राशन कार्डधारी
विभागीय जानकारी अनुसार, नगर पालिका जांजगीर -नैला के 01 से 25 वार्डों में 11800 राशन कार्डधारी है। इसमें सभी प्रकार के राशन कार्ड धारक शामिल है। जिन्हें शासन के नियम अनुसार चावल मिलता है। इसमें से कई राशन कार्ड धारक ऐसे हैं, जो दलालों को अपने हिस्से का चावल बेच देते हैं।
दलाल हर महीने करते हैं लाखों की काली कमाई
एक किराना दुकान से साढ़े 9 क्विंटल पीडीएस चावल मिला। तो शहर में दर्जनों किराना दुकानें हैं। जहां के कई दुकानों में पीडीएस चावल की खरीदी की जाती है। तो वहीं कई चावल दलाल सीधे ऊपर वालों के संपर्क में है। जिनपर खाद्य विभाग की नजर अब तक नहीं गईं है, ऐसे में यह आंकड़ा काफी बड़ा हो सकता है। इस तरह से चावल दलाल हर महीने लाखों रुपए की काली कमाई कर रहे हैं।
इस तरह की कार्रवाई का है प्रविधान
– राशन कार्डधारियों के द्वारा चावल बेचे जाने पर कार्ड रद्द करने की कार्रवाई।
– खरीदने वालों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआइआर।
– सरकारी दुकानदार द्वारा चावल खरीदने की शिकायत पर दुकान सस्पेंड होने के साथ ही एफआइआर।
– सरकारी चावल का अवैध परिवहन करते वाहन पकड़े जाने पर वाहन जब्ती की कार्रवाई।
अधिकतम सात वर्ष की सजा का प्रविधान
विभागीय जानकारी के मुताबिक शासन द्वारा सरकारी राशन की खरीद फरोख्त को बंद करने के लिए कड़े नियम बनाए हैं। जिसके तहत अगर बिचौलिया या फिर कोई भी दुकानदार राशनकार्ड धारकों की सामग्री खरीदता है, तो उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 के तहत कार्रवाई करने का नियम है। जिसमें अधिकतम सात साल तक की सजा का प्रविधान भी किया गया है।