Spread the love

रोमी सिद्दीकी\अम्बिकापुर। नगर के एक पत्रकार के साथ गत दिनों मणिपुर चौकी में प्रभारी और एक आरक्षक के द्वारा बदसलूकी किए जाने के मामले मेंऔर सरगुजा के पत्रकारों ने पुलिस के समाचारों का बहिष्कार करने का निर्णय ना सिर्फ लिया बल्कि गुरुवार को सरगुजा पुलिस द्वारा कोऑर्डिनेशन सेंटर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की सूचना पर सरगुजा के पत्रकारों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाने से इंकार कर दिया।

 

प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार किए जाने और समाचार प्रकाशित नहीं किए जाने की खबर मिलते ही सरगुजा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बिलासपुर और रायपुर तक समाचार छापने के लिए फोन लगाते रहे। सरगुजा के पत्रकार के साथ बदसलूकी और एसपी का गैर जिम्मेदाराना रवैया देखकर सरगुजा के समस्त पत्रकारों ने इसकी निंदा की है। राजनीति संरक्षण होने के कारण अनेको शिकायत मिलने के बाद भी सरगुजा पुलिस कप्तान मणिपुर चौकी प्रभारी और हमेशा विवादों में रहने वाले एक आरक्षक पर कोई भी कार्रवाई करने से हिचक रहे हैं। पत्रकार के साथ बदसलूकी को लेकर सिर्फ शहर में ही नहीं बल्कि अब सरगुजा संभाग के पत्रकार जगत में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त होनी शुरू हो गई है।

 

विवादित जमीन की खरीद-फरोख्त करता है आरक्षक

सूत्रों की माने तो विवादित आरक्षक लंबे समय से अंबिकापुर में पदस्थ होने के साथ-साथ जिस प्रकार से जमीन से जुड़े हुए व्यापार को अंजाम दे रहा है उससे नकारा नहीं जा सकता है आरक्षक के द्वारा विवादित जमीन खरीदने व बेचने का धंधा भी जोरो से करता है जमीन दलालों के माध्यम से यह पुलिसिया गुंडागर्दी करते हुए जमीन के कारोबार को बखूबी अंजाम दे रहा है।

 

पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ शासन से आरक्षक की शिकायत की तैयारी

विवादित आरक्षक को अंबिकापुर के सत्ता पक्ष व विपक्ष का पूर्ण समर्थन लंबे समय से प्राप्त है जमीन की दलाली में होने के कारण यह सभी का चहेता बना हुआ है ऐसे में सरगुजा पत्रकार संघ विवादित आरक्षक की शिकायत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ-साथ प्रदेश के पुलिस महकमे के प्रमुख से मिलकर आरक्षक की शिकायत की तैयारी कर चुका है

 

शहर कोतवाली में भी रहा है विवादित

पुलिस सूत्रों की माने तो विवादित आरक्षक जब सिटी कोतवाली पदस्थ था तब भी इनका और विवादों संबंध चोली दामन की तरह रहा है हिम्मत इतनी ही की जनाब कोतवाली के टीआई तक के आदेश को नहीं मानते हैं यही कारण है कि एक टी आई के द्वारा इन्हें कोतवाली से हटाने के लिए पूर्व के पुलिस कप्तान से शिकायत भी किए थे।