*रिपोर्ट- मेघा तिवारी*
*स्थान- इंदौर*
*दिनांक- 18/12/24*
पांच हजार का विज्ञापन नहीं मिला, बौखलाकर लगाई तथ्यहीन खबर – समाजसेवी मंज़ूर बेग ने चाँद पर उड़ान समाचार पत्र के खिलाफ दर्ज की शिकायत
इंदौर, 18 दिसंबर 2024: शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी मंज़ूर बेग ने “चाँद पर उड़ान” समाचार पत्र के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। मंज़ूर बेग ने कहा कि अखबार ने जानबूझकर उनके खिलाफ झूठी और मानहानिपूर्ण खबरें प्रकाशित कीं, जिनका उद्देश्य उनकी सामाजिक और पेशेवर प्रतिष्ठा को धूमिल करना था।
अखबार ने आरोप लगाया था कि मंज़ूर बेग आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं
यह मामला 2 दिसंबर 2024 को प्रकाशित एक लेख से शुरू हुआ, जिसमें “चाँद पर उड़ान” ने बिना किसी साक्ष्य के मंज़ूर बेग पर आरोप लगाया था कि वह आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं और उनकी आय के स्रोत संदिग्ध हैं। अखबार ने इस लेख में पूरी तरह से निराधार और असत्य जानकारी दी, जिसके आधार पर मंज़ूर बेग ने इसे एक सोची-समझी साजिश करार दिया।
मंज़ूर बेग का कहना था, “यह पूरी खबर झूठ और तथ्यहीन है। अखबार ने बिना किसी प्रमाण के मुझे बदनाम करने की कोशिश की। यह रिपोर्ट किसी खास उद्देश्य के तहत बनाई गई थी, ताकि मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाया जा सके।”
चाँद पर उड़ान पर पहले भी ब्लैकमेलिंग और झूठी खबरें प्रकाशित करने के आरोप
मंज़ूर बेग ने यह भी आरोप लगाया कि “चाँद पर उड़ान” अखबार पहले भी समाजसेवियों और नेताओं को ब्लैकमेल करने के लिए बदनाम रहा है। उन्होंने अपनी शिकायत में यह दावा किया कि अखबार पर पहले से कई मामले लंबित हैं, जिनमें ब्लैकमेलिंग और असत्य खबरों के प्रसारण के गंभीर आरोप लगे हैं। मंज़ूर बेग ने इन आरोपों से संबंधित दस्तावेज भी अपनी शिकायत में शामिल किए हैं, जिससे यह साबित होता है कि यह अखबार अपने स्वार्थ के लिए समाज को गलत दिशा में मोड़ता है।
मानसिक और पेशेवर नुकसान की बात
मंज़ूर बेग ने यह भी बताया कि इस झूठी रिपोर्ट ने उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को गहरी क्षति पहुँचाई है। उन्होंने कहा, “इस खबर ने मेरे मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डाला है और मेरे पेशेवर जीवन में भी अड़चनें उत्पन्न की हैं। इस अखबार ने पत्रकारिता के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन किया है और नैतिकता की पूरी तरह से अवहेलना की है।”
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की माँग
मंज़ूर बेग ने अपनी शिकायत में जिला कलेक्टर और जनसंपर्क अधिकारी से मांग की है कि अखबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने अखबार का पंजीकरण निलंबित करने, झूठी खबरों को तुरंत वापस लेने और अखबार से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है। उनके अनुसार, ऐसे कृत्यों से मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है और इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।
समाज से मिल रहा है समर्थन
इस विवाद में मंज़ूर बेग को समाज के कई वर्गों से समर्थन मिल रहा है। समाज के कई लोग इसे मीडिया के दुरुपयोग और पत्रकारिता के गिरते स्तर का एक उदाहरण मानते हुए मंज़ूर बेग के पक्ष में खड़े हो गए हैं। कई समाजसेवी, नागरिक संगठन और व्यक्ति यह मानते हैं कि इस तरह की घटनाएं पत्रकारिता के मूल्यों और स्वतंत्रता को नुकसान पहुँचाती हैं।
प्रशासन का अगला कदम क्या होगा?
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या वह अखबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा और इस मामले में न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा? या फिर यह मामला समाज में एक और विवाद के रूप में रह जाएगा?
यह घटनाक्रम पत्रकारिता की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के बीच के संतुलन पर सवाल खड़ा करता है और समाज में मीडिया के प्रभाव के बारे में गंभीर विचार करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
समीर बैग को मिली मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद से अधिवक्ता की सनद, परिवार और अधिवक्ताओं ने