रमन मंदिर वार्ड:सूर्यकांत राठौड़ की निष्क्रियता और सुरेश चन्नावर की सक्रियता का लाभ कांग्रेस को मिलेगा!
राजधानी के रमन मंदिर वार्ड में पार्षद चुनाव में अब रंग जमने लगा है यहां से भाजपा से वरिष्ठ पार्षद सूर्यकांत राठौड़ चुनाव लड़ रहे हैं जो पहले भी कई बार लगातार पार्षद चुने जाते रहे हैं और निगम की राजनीत में जाना पहचाना नाम है वहीं कांग्रेस से स्थानीय निवासी व्यवसायी व समाजसेवी आसिफ मेमन मैदान में हैं।आसिफ ट्रांसपोर्ट और होटल व्यवसाय के क्षेत्र में हैं तथा एनएसयूआई के नेता रहे साजिद मेमन के भाई हैं।
चुनाव के मुद्दे
स्टेशन रोड से फाफाडीह होते हुए खमतराई से सटे इस विशाल वार्ड में सूर्यकांत राठौड़ जहां अपने काम और भाजपा की सरकार के सुशासन के नाम पर जनता से वोट मांग रहे हैं वहीं आसिफ मेमन सूर्यकांत के अब तक के कार्यकाल को निष्क्रिय बताते हुए अपने घोषणा पत्र के आधार पर जनता के सामने हैं।
जनता की राय
इस वार्ड में लगातार पार्षद रहे भाजपा नेता सूर्यकांत राठौड़ के खिलाफ लोगों में जबरदस्त नाराजगी है वहीं रमन मंदिर वार्ड में परिसीमन के बाद नए जुड़े इलाकों में वहां के तत्कालीन पार्षद एवं कांग्रेस नेता सुरेश चन्नावर की जनता के बीच लोकप्रियता का फायदा आसिफ को मिलता दिखलाई दे रहा है।
मुख्य मुद्दा
कांग्रेस से पार्षद प्रत्याशी यहां जनता के बीच विभिन्न बैठकों और जनसंपर्क में भाजपा के धागे खोलने में लगे हैं वे एक एक नागरिक को बता रहे हैं कि वार्ड में कुल जितने सफाई कर्मचारी नियुक्त हैं उसके आधे से भी कम ड्यूटी पर आते हैं बाकी के कर्मचारियों की पगार हर महीने उनके विरोधी प्रत्याशी की जेब में जाती है जिससे कि नालियों की ठीक से सफाई नही हो पाती और मच्छरों के प्रकोप और बदबू से नागरिक सालभर हलाकन रहते हैं,आसिफ यहां वार्ड को चाचा भतीजा की प्राइवेट प्रापर्टी बताते हुए कहते हैं कि वार्ड में जितने भी विकास कार्य होते हैं सभी गुणवत्ताहीन और भ्रष्टाचार से लथपथ होते हैं क्योंकि चाचा निगम से काम निकालते हैं और ठेकेदार भतीजा काम करता है।आसिफ अपने विरोधी प्रत्याशी पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि जनता का एक वोट इन्हें पूरे पांच साल के लिए हर महीने 3 लाख रुपए आमदनी देते आया है जो कि अब बंद होगा और आगे से वार्ड में पूरे के पूरे सफाई कर्मचारी फील्ड पर होंगे और विकास कार्यों में भी कोई भ्रष्टाचार नही होगा क्योंकि मैं यहां चुनाव मैदान में सड़क निर्माण और नाली सफाई की आड़ में 3 लाख रुपया हर महीने पैसा कमाने नही बल्कि विशुद्ध रूप से जनसेवा के उद्देश्य से उतरा हूं।
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