शासकीय मौलाना आजाद केंद्रीय विश्व जल दिवस के अवसर पर जल बचाव के लिए स्टाफ सहित युवाओं ने ली शपथ
*मेघा तिवारी की रिपोर्ट*
भोपाल(मध्यप्रदेश)। शासकीय मौलाना आजाद केंद्रीय पुस्तकालय मे विश्व जल दिवस के अवसर पर पर्यावरण जागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत पुस्तकालय की क्षेत्रीये ग्रन्थपाल रत्ना बाधवानी ने विश्व जल दिवस 2025 की थीम ‘ग्लेशियर संरक्षण’ बताते हुए, विश्व जल दिवस के मौके पर पानी की कमी को दूर करने के लिए जल संरक्षण के प्रभावी तरीकों को भी बताया। उन्होने बताया कि “जल ही जीवन है, जल है तो कल है”……
ये सिर्फ नारा मात्र नहीं है, बल्कि सच्चाई भी यही है। दुनिया में सिर्फ तीन फीसदी से कम ताजे पानी के स्त्रोत हैं और यह आंकड़ा कम ही होता जा रहा है।
तेजी से जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण, कृषि उद्योग और ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में पानी की बढ़ती जरूरत के कारण जल की मांग बढ़ती जा रही है। हालांकि जलवायु परिवर्तन, वर्षा के बदलने के पैटर्न और मौसम संबंधित घटनाओं के कारण पानी की कमी भी बढ़ रही है। विश्व पानी के संकट से जूझ रहा है। इसके कारण भविष्य खतरे में पड़ सकता है। जल संरक्षण के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर 100 से अधिक युवाओं को शपथ दिलाई गई l पुस्तकालय के परिसर में युवाओ को जल संरक्षण के संबंधित विडियो भी दिखाये गए एवं साथ ही पानी की बर्बादी को रोकने के लिए एवं सभी को इस हेतु प्रेरित करने का संकल्प दिलाया गया l जिससे हम सभी पानी की कमी के संकट से बच सके एवं हम् सभी को स्वच्छ जल मिल सके l इस अवसर पर पुस्तकालय की क्षेत्रीय ग्रन्थपाल एवं समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे l
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