रायपुर: कोरोनाकाल में दो वर्षों तक लगातार कम रही रेलवे की कमाई अब संक्रमण घटने के बाद पहले के तरह हो चुकी है। महामारी के दौरान रेलवे ने कई नियमों में बदलाव भी किया। खासतौर पर ट्रेन में सफर के दौरान कंफर्म टिकट से यात्रा और पहले से मिल रही रियायतों पर पाबंदी लगाई। इन बदलावों ने रेलवे का खजाना भर दिया है। रायपुर रेलमंडल 9 महीने में 4 हजार करोड़ की कमाई कर चुका है, जिसमें रायपुर स्टेशन की प्रतिदिन की कमाई 20 लाख रुपए है। कोरोना में यह 10 लाख तक थी। रेलवे अधिकारी का कहना है, कोरोना से पहले मंडल की वार्षिक कमाई 35-45 हजार करोड़ तक होती थी। वर्तमान में प्रतिदिन व महीने में हो रही कमाई सामान्य दिनों की तरह है। कोरोना से अभी तक मंडल में यात्री ट्रेन से कम आमदनी पाई है। सर्वाधिक कमाई मालगाड़ी से हुई है। जानकारी के अनुसार पैसेंजर ट्रेन से पिछले वर्ष 19 करोड़ साल में कमाई हुई थी। अभी 198 करोड़ हो चुकी है। इसकी तरह मालगाड़ी में कोरोना में 2089 करोड़ आवक हुई थी, जो इस बार 2509 करोड़ है।

पार्सल और पैंट्रीकार में घटी कमाई रायपुर रेलमंडल कमाई के मामले में अपने लक्ष्य के करीब है। कोरोना से अभी तक सबसे कम कमाई पार्सल और पैंट्रीकार से हुई है। पिछले वर्ष पार्सल में 4 करोड़ राजस्व मिला था, जो वर्तमान में 18 करोड़ है। इसी तरह पैंट्रीकार में कमाई एक साल में 0.59 से बढ़कर 2.67 करोड़ हुई है। मंडल और जोन की ट्रेनों से कमाई करोड़ों में दक्षिण मध्य रेलवे में रायपुर व बिलासपुर जाेन से प्रारंभ होने वाली गाड़ियों के राजस्व की प्राप्ति एवं यात्रियों में निरंतर वृद्धि हो रही है। 5 यात्री गाड़ियों में छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, दुर्ग-भोपाल अमरकंटक एक्सप्रेस, रायपुर-सिकंदराबाद, सारनाथ, साउथ बिहार एक्सप्रेस, दुर्ग संपर्कक्रांति, राजधानी एक्सप्रेस की कमाई महीने में करोड़ तक है। प्रति माह इन ट्रेनों में लाख की संख्या में यात्री सफर करते है। कोरोना काल में भी इन ट्रेन की मांग अधिक थी। रेलवे अधिकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से कमाई 10 करोड़ से अधिक है। गाड़ी संख्या 12854 भोपाल-दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस से प्राप्त राजस्व 19.59 करोड़ है। इस ट्रेन में 9 महीने के भीतर 5.37 लाख यात्रियों ने सफर किया है