मेघा तिवारी की रिपोर्ट,

रायपुर (छत्तीसगढ़)

निखिल बघेल बलात्कार मामले ने देश में भारी आक्रोश और चिंता उत्पन्न कर दी है। बघेल, जो एक प्रभावशाली राजनीतिक और वित्तीय ताकत रखने वाले व्यक्ति हैं, पर कई युवा लड़कियों के साथ बलात्कार करने का आरोप है। निखिल बघेल पूर्व मुख्यमंत्री का भतीजा है और कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं, जिससे उनकी पहुंच और ताकत और भी व्यापक हो जाती है।

पीड़ित लड़कियों की मानसिक स्थिति अत्यंत खराब है और वे डरी-सहमी हैं, जबकि निखिल बघेल अपनी ताकत और पैसे का दुरुपयोग कर रहा है। इनमें से एक पीड़िता बेहद गरीब है और उसे न्याय पाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस लड़की और उसके परिवार को निखिल बघेल को जमानत मिल जाने पर खतरों का डर सता रहा है, और उनके जान पर खतरे का माहौल बना हुआ है। वे सभी लोगों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं ताकि वे स्वयं की जान देने पर मजबूर न हों।

इस मामले ने न्याय प्रणाली में पैसे और ताकत के दुरुपयोग, पुलिस की लापरवाही, और न्याय प्रक्रिया की खामियों को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कठोर कानून, त्वरित न्यायिक प्रक्रिया, और पुलिस सुधार की तत्काल आवश्यकता है। इसके साथ ही, समाज को पीड़िताओं के प्रति सहानुभूति और समर्थन की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।

यह मामला न्याय प्राप्ति के लिए व्यापक सुधारों और सामाजिक समर्थन की पुकार करता है, जिससे एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण हो सके। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर पीड़िता को न्याय मिले और दोषियों को उनके कृत्यों की सजा मिले, जिससे भविष्य में ऐसे अपराधों पर रोक लग सके।

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