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भीमराव अंबेडकर वार्ड 11 की रिपोर्ट

विनम्र व्यवहार जीता रहा कांग्रेस प्रत्याशी  हेमंत पटेल को

स्थानीय निवासी और कांग्रेस के सक्रिय नेता विजय टंडन कहते हैं कि मोवा में लड़ाई  इगो(घमंड) और सहज सरल विनम्र के बीच खड़ी हो चुकी है एक तरफ भाजपा के प्रत्याशी है जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे लोगों के साथ कनेक्ट नही हो सकते तो दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रत्याशी हेमंत पटेल हैं जिन्हें लोग “ए हेमंत” के नाम से जानते हैं।

इस संवाददाता ने वार्ड में जहां भी बात की लोगो के स्वीकारा कि हेमंत पटेल को वार्ड के लोग जो मन में आए वैसा बुला लेते हैं कोई “ए हेमंत” कहता है कोई “हेमंत सुन तो”  कहता है। एक अपनापन जो जनसेवक और जनता के बीच सबसे जरूरी पक्ष  होता है वह हेमंत में है और यही चीज इस पूरे चुनाव में जनता के बीच हेमंत पटेल की बढ़त बनाई हुई है।

निगम से जुड़े काम तो सभी पार्षद कराते हैं।बगल के वार्ड से पिछली बार चुनी गई महिला पार्षद ने भी काम कम नही कराया था पर व्यवहार के चक्कर में उनकी टिकिट काट दी गई।यानी जनता काम से ज्यादा व्यवहार पर बल देती है ।

कोई आपसे आपका मालिक या प्रशासनिक अफसर की तरह पेश आता है तो कोई आपके लिए कुर्सी छोड़कर उठ जाता है।अपनी अपनी उंगली से बटन दबाकर आप अपना मलिक चुनने जा रहे हैं कि अपना जनसेवक? यह तो आपको स्वयं तय करना होगा ।

छोटे चुनाव में जनता छाप से ज्यादा व्यवहार देखती है  क्योंकि विधायक और सांसद के पास लोगो को पूरे पांच साल में कम जाना होता है लेकिन पार्षद के पास साल में एक चक्कर हर किसी का लगता है ऐसे में पार्षद कार्यालय पहुंचे लोगो के लिए अपने आत्मसम्मान को बचाना किसी छाप से ज्यादा जरूरी होता है,जरूरी होता है कि पार्षद उसे नमस्कार करे,सम्मान पूर्वक बैठने कहे  और हाथ जोड़कर काम पूछे इससे भी ज्यादा जरूरी होता है कि पार्षद आपके साथ दुर्व्यवहार ना करे।

व्यवहार के मामले में हेमंत पटेल को विभिन्न सर्वे के बाद दुबारा अवसर मिला है।

मोवा में कांग्रेस भाजपा के बीच की छाप की लड़ाई अब दोनों प्रत्याशियों के व्यवहार में आ चुकी है और इस मामले में हेमंत पटेल अपने विरोधियों पर भारी पड़ चुके हैं।

रही बात “आप पार्टी” के उम्मीदवार पूर्व पार्षद अनवर हुसैन की तो वार्ड में कमल का फूल खिले इसके लिए अनवर हुसैन मुस्लिम और सतनामी वोटो में जबरदस्त तरीके से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं लेकिन स्थानीय सूत्रों के अनुसार लोग जान चुके हैं कि “आप पार्टी” को वोट देने का मतलब भाजपा का पार्षद जिताना है।यही वजह है कि शहर से सटे इस पुराने गांव(मोवा) के सतनामी और मुस्लिम अल्पसंख्यक वोट इस बार इधर उधर नही जा रहे।