सामाजिक कार्यकर्ता प्रियंका मिश्रा विगत 8 दिनों से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर के आमरण अनशन पर बैठी हुई थी जिनकी देर रात तबीयत खराब हो जाने पर उनको तत्काल मेकाहारा भेजा गया लेकिन मेकाहारा में कोई भी डॉक्टर और कोई भी व्यवस्था ना होने की वजह से उनके परिजन उनको स्वयं लेकर इलाज कराने के लिए लेकर निकल गए और परिजनों का कहना है कि हम जान खतरे में नहीं डाल सकते सरकार की लचर व्यवस्था है बहुत दुख की बात है कि जब हम प्रियंका को मेकाहारा लेने गए तो हमने देखा कि वहां पर मरीजों का इलाज स्वयं परिजन कर रहे हैं डॉक्टर और नर्स वहां पर नहीं थे यह स्थिति देख कर के मैंने तत्काल निर्णय ले लिया और टीएस सिंह देव पंचायत मंत्री भी हैं
और स्वास्थ्य मंत्री भी हैं दोनों विभाग में इतनी अनियमितताएं हैं कोई व्यवस्था नहीं है पंचायत शिक्षक अनुकंपा की मांग को लेकर भी महिलाएं लगभग 3 महीने हो गए आंदोलन करते हुए और स्वास्थ्य व्यवस्था भी लचर अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं तो अगर टीएस बाबा दोनों विभागों में बेहतरीन तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं तो क्यों नहीं अपने पद को छोड़ देते हैं क्यों राज्य की जनता के स्वास्थ्य और रोजगार के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं