महाराष्ट्र में अब सुपरमार्केट और आस-पड़ोस की दुकानों में शराब बेची जा सकेगी. गुरुवार को महाराष्ट्र में राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. इस नई पॉलिसी को लेकर सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मंदिरों या फिर शैक्षिक संस्थानों के पास इसकी बिक्री की इजाजत नहीं होगी.
इसे लेकर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि फल आधारित वाइनरी की बिक्री को बढ़ाने के लिए इसमें 10 साल तक के लिए जीएसटी से छूट दी गई. इससे किसानों का मुनाफा भी बढ़ा व छोटी और मध्यम वाइनरी के ब्रांडों को भी बढ़ावा देने में मदद होगी.
बयान में कहा गया, ”सुपरमार्केट और आस-पड़ोस की दुकानों में अलग स्टॉल आधारित व्यवस्था अपनाई जाएगी जिनका क्षेत्रफल 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक है तथा जो महाराष्ट्र की दुकान और प्रतिष्ठान कानून के तहत पंजीकृत हैं. लेकिन पूजा स्थलों या शैक्षणिक संस्थानों के निकट सुपरमार्केट में शराब की बिक्री की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा, जिन जिलों में शराबबंदी लागू है, वहां भी शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी. शराब बेचने के लिए सुपरमार्केट को 5,000 रुपये का शुल्क देना होगा.”
वहीं इस फैसले को लेकर राज्य के कौशल विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने वाले फल आधारित शराब उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय किया गया है. इसे लेकर संजय राउत ने कहा, ”वाइन शराब नहीं होती. यदि राज्य में वाइन की बिक्री बढ़ेगी तो इससे किसानों को फायदा होगा. हमने ये फैसला किसानों की आय को दोगुना करने के लिए फैसला लिया है.”