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*छत्तीसगढ़ की महिला डॉ. गोपा शर्मा ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान*

*गोल्ड़न बुक ऑफ़ वर्ल्ड से सम्मानित है डॉ. शर्मा*

*मेघा तिवारी की रिपोर्ट*

*छत्तीसगढ़ (रायपुर)*।पर्यावरण और शिक्षा, व समाजसेवी डॉ गोपा शर्मा ने तमाम क्षेत्रों रूचि को दरसाते हुए उस क्षेत्र में काफ़ी प्रयास व परिश्रम से गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाई है।इनके विचार से आप समझ सकते है की यह एक महिला डॉ शर्मा ने पर्यावरण व हरियाली छत्तीसगढ़ बनाने में कोई कसूर नहीं छोड़ा है।

*19 वर्षो से लगातार मेहनत है जारी*

डॉ शर्मा ने बताया की उन्होंने लगातार अलग अलग क्षेत्रो में उन्नीस वर्षो से बच्चों को विकली वेस्ट सामग्री जैसे कागजो का पुट्ठा, व घरों में आसानी से मिल जाए ऐसे पौधों का बीज को पौधेरोपण कर प्रकृति को संवारने का प्रयास करती रही।

*1999 में डॉ शर्मा थी चिकित्सक* *हजारों मरीजों का फ्री में करती है इलाज*

डॉ शर्मा 1999 में नेत्र चिकित्साला में चिकित्सक रही जहाँ उनके सीनियर चिकित्सक विजय मेहरा के द्वारा गरीबों को फ्री मोतियाबिंद का ईलाज किया जा रहा था तब से डॉ शर्मा ने भी प्रेणा लेते हुए गरीबों के प्रति आश जगाते हुए इन्होने हजारों व्यक्ति सलाह देकर फ्री में ईलाज कराइ थी।

*मेरी दादी ने दी थी समझाइस*

डॉ शर्मा ने और बताते हुए कहा की मेरी दादी ने मुझे समाज के प्रति जागरूक होकर निरंतर ऐसे कार्य करो की लोगो की भलाई हो. जिसमे शादी के पहले भी डॉ शर्मा करती रही मानव समाज का कार्य और विवाह के बाद भी लगातार जमीनी स्तर से जुड़कर और पूरे परिवार की सहयोग से समाजसेवी का कार्य करती रही।

*कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती :-डॉ शर्मा*

डॉ शर्मा ने सभी से अपील करते हुए कही की कार्यों के प्रति चाहे पुरुष वर्ग हो या महिला व बच्चे कोई भी हो अपने कार्यों को निरंतर करते रहना चाहिए। हार नहीं मानना चाहिए क्योंकि सुख और दुख जीवन की रेखा है सभी की जीवन में आते जाते रहते है।

*अनुभव की लिखी बुक*

डॉ शर्मा ने अपने अनुभव और पर्यावरण सरंक्षण को लेकर चार बुक लिखी है जो जल्द ही पब्लिश किया जाएगा।

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