रायपुर। गुरूवार को रायपुर नगर पालिक निगम की सामान्य सभा बैठक रखी गई थी। सभा के शुरुआत में एक घंटे के समय के दौरान प्रश्नकाल और बाद में प्रस्तावों पर चर्चा हुई । सभा में 10 अलग-अलग प्रस्तावों को पास किया गया । इस पर विपक्ष ने तानाशाही का आरोप लगाया है, लेकिन इस बैठक में कुछ लापरवाही की तस्वीरें निकल कर सामने आई है। शहर के विकास के मुद्दों को लेकर चर्चा हो रही थी, लेकिन BJP के कुछ पार्षद फेसबुक और व्हाट्सएप चलाते नजर आए। इससे लगता है कि विकास की बात कम और टाइम पास ज्यादा होते नजर आया ।
सामान्य सभा में जनहित के मुद्दों को लेकर जनप्रतिनिधि कितने गंभीर हैं कि सभा में कोई फ़ेसबुक तो कोई व्हाट्सएप में मस्त थे. सभा में जन प्रतिनिधियों की हरकत एक न्यूज चैनल के कैमरे में क़ैद हो गई। बीजेपी पार्षद सीमा संतोष जोन और साहू एक के अध्यक्ष सोशल मीडिया पर मस्त दिखे। इसके अलावा किसी भी जनप्रतिनिधि ने मास्क नहीं पहना था, जबकि प्रदेश में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। राजधानी में भी संख्या बढ़ती जा रही है.. बावजूद इसके लापरवाही बरती जा रही है।
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि चाहे किसी भी दल का जन प्रतिनिधि हो, उन्हें सभा का गरिमा बनाए रखना चाहिए। जन प्रतिनिधियों से जनता को बहुत उम्मीद है। चार माह बाद सामान्य सभा की बैठक हो रही है. इसके बावजूद व्हाट्सएप – फ़ेसबुक चला रहे हैं, तो उनका ध्यान प्रस्तावों पर नहीं है।
वहीं महापौर एजाज़ ढेबर ने कहा कि ये बिल्कुल ही आपत्तिजनक है। यह पहली बार नहीं है, इसके पहले भी ऐसे कृत्य किए जा चुके हैं। आज इतने महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो रही थी, लेकिन सुझाव देने के अलावा बाक़ी सब काम किए जा रहे थे। इसके पहले भी पार्षद मनोज वर्मा ने यूट्यूब देखते हैं। वीडियो वायरल हुए थे। इससे इमेज ख़राब होता है। सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती है। आज के दिन बहुत महत्वपूर्ण है और विकास के मुद्दों को लेकर चर्चा में शामिल होने की बजाय फ़ेसबुक, व्हाट्सएप और यूट्यूब चलाने में व्यस्त हैं. इससे समझा जा सकता है कि ये कितने गंभीर हैं।
बता दें कि निगम के हंगामेदार बैठक में अब तक 10 प्रस्ताव पास किए गए हैं। बचे चार प्रस्ताव में कल चर्चा होगी। विपक्ष के हंगामे के बीच प्रस्ताव पास किया गया है। चर्चा के बाद बहुमत के आधार पर प्रस्तावों को सभापति ने पास किया है। तेलीबांधा तालाब के सौंदर्यीकरण एवं गार्डन में निर्माण कार्य के लिए 12 करोड़ की स्वीकृति मिली है। इसके साथ ही चार अलग-अलग सरकारी ज़मीनों को बेचने का प्रस्ताव भी पास किया गया है। इस पर विपक्ष ने तानाशाही करने का आरोप लगाया है। प्रस्ताव में चर्चा के दौरान उठाए सवालों के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं दिखा। सत्ता पक्ष विपक्ष के सवालों से भाग आए।
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